वंदना


मैं जप रहा हूँ नाम माता तेरी ,
इस मृत्युभुवन में आ करके।
अबतक मैंने कुछ नहीं पाया ,
ठोकरों के आलावा पग पग में।
सब व्यर्थ है धन दौलत माता ,
रिश्ते नाते और मेरी ये काया।
मुझको कोई साथ देता नहीं माता
,सिर्फ है तुम्ही पर मेरी आशा
ऑंखें मूंदने पर तुम्हीं याद आती ,
ऑंखें खोलने पर माया जल।
मां तू दे दे मुझे एक वरदान ,
जिससे मैं करूँ सारा जग कल्याण।
शांति का तिरंगा ले कर माता ,
मैं जन नायक कहलाऊँ ,
जन नायक कहलाऊँ ,
जान नायक कहलाऊँ।

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