मैं और मेरी पल्टन


मैं  हूँ एक निर्भीक जवान
नवी असम राइफल्स की जान। 
कहलाता हूँ पल्टन की शान
अनुशाशन  है मेरी पहचान।

मुझमें भरा कूट कूट कर जोश
कभी न करता काम खोकर होश।
अनुशाशन मेरी पहली सीढ़ी है
इस पर चल रही सारी पीढ़ी है।

सेवा हमारा परम भाव है
पर्वत वासियों से मित्र भाव है।
चहुँओर  आतंक का प्रभाव है
आतंक मिटाना मेरा कर्तव्यभाव है।

मुझमें आगे बढ़ने का अदम्य उत्साह
काम करता बढ़ चढ़ कर न होता हतोत्साह।
दुश्मन का समूल नष्ट कर मातम फैलता
खुशियाली में जित का तिरंगा लहराता।

बाबन  साल का मेरा गौरवमय इतिहास
कभी न होने।   दिया हासपरिहास।
कर्तव्यों को किया पूरा रह उपवास
जीवन बिताया राम सा वनवास।

मेरी अभिलाषा है गगन को चूमना
जंग में दुश्मनों के साथ जूझना।
स्वछन्द हवा की तरह घुमना
नदियों की भांति गिरना उठाना और आगे बढ़ना।

ईमानदारी की होती घर घर पूजा
मानो  ईमान से बड़ा न कोई दूजा।
मुझे देश और असम राइफल्स पर है नाज
नवी असम राइफल्स का हूँ एक ताज।
 

Reactions

Post a Comment

0 Comments