सुविचार


हैं आप इस वसुधा के सर्वश्रेष्ठ प्राणी
कर  चिंतन भूत भविष्य का गढ़ता नूतन कहानी
बालकाल में खेल  कूदकर खाकर खुब पचाया
यौवन काल  में बेखबर हुआ तो बुढ़ापा खूब रुलाया
मान चिकित्सक की बात तू काम खा नमक चीनी
रक्तचाप और मधुमेह हैं हमारे दो दुश्मन
चाहता दुश्मन का शमन विचार पर कर नमन
पुष्पमय सुगन्धित वाटिका एक दिन महक उठेगा
ज्ञान का चक्षु खोल जरा तू न तो कहर गिरेगा
है आज कल नहीं रहेगा कैसे तू इसे अपना कहेगा
उपालम्भ देगा दुनिया वाले क्या तू इसे सहेगा
मेहनतकर संभाल जिंदगी ईश्वर की बडी अमानत है
अगर तू संभल न सका तो इससे बड़ी क्या लानत है
कुपथ छोड़ सुपथ चलो तो तेरा रात जरूर जगमगायेगा
कर समस्त जीवों से प्रेम घ्रिणा दूर भाग जायेगा
मणि के मन का विचार कविता में छाया है
अमल करो दुनियावालों सुविचार लाया है
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