एक भरोसा तुम पर


तुमने रात रात भर जागकर 
औरों को बेखौफ सुलाया है 
अपने वामांगी को रुलाकर 
कहो किसे नहीं हर्षाया है 
कंधे में डाल बंदूकें तुम 
रजनी के साथ खेलते हो 
सामने आफत आये तो 
हँस के उसे झेलते हो 
एक कंधे पर देश का भार 
दूजे कंधे पर घर का 
भार तुम्हें हमेशा भरोसा दिलाती 
सत्यकर्म तुम्हें राह दिखती 
मातृभूमि तुम्हें सिखाती 
मत झुकना अरि समक्ष 
कहो ?तुम्हारे ऊपर किसे नहीं नाज है 
तुम्हारे सर पर देश का सर्वोपरि ताज है 
तुम तो तुम हो यही तुम्हारा राज है 
तुम्हारे दुःख को कम लोग जानते है 
कामों का हर कोई लोहा मानते है 
तुम्हारा त्याग और तपस्या 
जगत जानता है 
काम करके दम लेता है 
जिसे खुद ठानता है 
दे देता जान वक़्त पर 
सरहद की खातिर 
ले लेता जान वक़्त पर 
सरहद की खातिर 
सरहद पर तुम लुटा देते हो जान 
तुम्हारे सिवा कौन देता सरहद पर ध्यान 
सरहदकी सुरक्षित से 
सब कोई सुरक्षित है 
 तुम्हारी कल्याणकारी योजना के लिए 
सरकार  खुद वंचित है 
देश के खजाने में 
लाखों करो करोड़ संचित है 
दे देते जान तुम  
देश प्रेम दिखाने मे 
लूट जाती तुम्हारी बामांगी 
विधवापन दिखने मे 
समाज में उपेक्षा करते 
विधवा विधवा कहकर 
बेचारी खाती समाज में 
समय के थपेड़े 
कई तरह की आफतें आतीं 
घेर लेती कई तरह के फेरे 
तुम्हारे जाने के बाद 
कोई नहीं उसे देखने वाला 
रह जाता सिर्फ 
विधवा-विधवा कहने वाला 
दे देती जान तड़प कर 
समाज में धोखा खाकर


Click to See More Photo
Related Post
मेरी एक अभिलाषा है
Reactions

Post a Comment

0 Comments