सभी युगों में नारी का   महत्व समाज  द्वारा  स्वीकारा गया है। वर्तमान युगों में इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती  है।  नर -नारी समाज रूपी गाड़ी के दो पहिये है। समय रूपी परिपथ पर समाज रूपी गाड़ी को दौडंने के लिए दो पहिये को सही सलामत रहना जरुरी है। नारी भेद भाव रूपी बुराई को दूर करना बेहद जरुरी है भ्रूण हत्या ,शिक्षा में  भेद भाव ,उच्च शिक्षा में अंकुश लगाना , कामों  में अलगाव ,आदि।